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स्टीफन हॉकिंग

प्रारंभिक जीवन :-

स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी 1942 को ऑक्सफोर्ड में फ्रैंक (1905-1986) और इसाबेल एलेन हॉकिंग (1915-2013) के घर हुआ था। हॉकिंग की मां का जन्म ग्लासगो, स्कॉटलैंड में डॉक्टरों के परिवार में हुआ था। यॉर्कशायर के उनके अमीर पैतृक दादाजी ने खुद को कृषि भूमि खरीदने के लिए बढ़ा दिया था और फिर 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में महान कृषि अवसाद में दिवालिया हो गया था। उनके पैतृक दादी ने परिवार को अपने घर में एक स्कूल खोलकर वित्तीय बर्बाद कर दिया। अपने परिवार की वित्तीय बाधाओं के बावजूद, दोनों माता-पिता ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भाग लिया, जहां फ्रैंक ने दवा पढ़ी और इसाबेल ने दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र पढ़ा। इसाबेल एक मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के सचिव के रूप में काम करती थी, और फ्रैंक एक चिकित्सकीय शोधकर्ता थे। हॉकिंग की दो छोटी बहनें, फिलीपा और मैरी और एक गोद लिया भाई एडवर्ड फ्रैंक डेविड (1955-2003) था।

1950 में, जब हॉकिंग के पिता नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल रिसर्च में पैरासिटोलॉजी के विभाजन के प्रमुख बने, तो उनका परिवार सेंट अल्बान, हर्टफोर्डशायर चला गया। सेंट अल्बान में, उनके परिवार को बहुत बुद्धिमान और कुछ हद तक विलक्षण माना जाता था, उनके परिवार में भोजन अक्सर चुपचाप एक पुस्तक पढ़ने के साथ बिताया जाता था। वे एक बड़े, अव्यवस्थित और खराब रखरखाव वाले घर में एक मितव्ययी अस्तित्व में रहते थे और एक परिवर्तित लंदन टैक्सीकैब में यात्रा करते थे। अफ्रीका में काम कर रहे हॉकिंग के पिता की अनुपस्थिति के दौरान, शेष परिवार ने मार्जर्का में चार महीने उनकी मां के दोस्त बेरेल और उनके पति, कवि रॉबर्ट ग्रेव्स के घर बिताये।

हमेशा व्हील चेयर पर रहने वाले हॉकिंग किसी भी आम इंसान से इतर दिखते हैं, कम्प्यूटर और विभिन्न उपकरणों के जरिए अपने शब्दों को व्यक्त कर उन्होंने भौतिकी के बहुत से सफल प्रयोग भी किए हैं, यूनिवर्सिटी ऑफ़ केम्ब्रिज में गणित और सैद्धांतिक भौतिकी के प्रेफ़ेसर रहे स्टीफन हॉकिंग की गिनती आईंस्टीन के बाद सबसे बढ़े भौतकशास्त्रियों में होती है, उनका जन्म इंग्लैंड में आठ जनवरी 1942 को हुआ था. उनके जीवन के इन्हीं रहस्यों से पर्दा उठाती, इस मशहूर ब्रिटिश वैज्ञानिक के जीवन पर आधारित एक फ़िल्म जल्द ही सिनेमाघरों में रिलीज़ होने वाली है, दुनिया के महान दैज्ञानिक हॉकिंग से बात की बीबीसी संवाददाता टिम मफ़ेट ने. अपने जीवन पर बन रही इस फ़िल्म के बारे में पूछने पर हॉकिंग कहते हैं ''यह फ़िल्म विज्ञान पर केंद्रित है, और शारीरिक अक्षमता से जूझ रहे लोगों को एक उम्मीद जगाती है, 21 वर्ष की उम्र में डॉक्टरों ने मुझे बता दिया था कि मुझे मोटर न्यूरोन नामक लाइलाज बीमारी है और मेरे पास जीने के लिए सिर्फ दो या तीन साल हैं, इसमें शरीर की नसों पर लगातार हमला होता है कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में इस बीमारी से लड़ने के बारे में मैने बहुत कुछ सीखा'' हॉकिंग का मानना है कि हमें वह सब करना चाहिए जो हम कर सकते हैं, लेकिन हमें उन चीजों के लिए पछताना नहीं चाहिए जो हमारे वश में नहीं है

कार्य :-

स्टीफन हॉकिंग ने ब्लैक होल और बिग बैंग सिद्धांत को समझने में अहम योगदान दिया। उन्हें 12 मानद डिग्रियाँ और अमरीका का सबसे उच्च नागरिक सम्मान प्राप्त हुये।

मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि मैंने ब्रह्माण्ड को समझने में अपनी भूमिका निभाई। इसके रहस्य लोगों के सामने खोले और इस पर किये गये शोध में अपना योगदान दे पाया। मुझे गर्व होता है जब लोगों की भीड़ मेरे काम को जानना चाहती है।

—स्टीफन हॉकिंग


मुझे हमेशा यह गर्व रहेगा कि मैंने ब्रह्माण्ड को जानने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, विज्ञान के क्षेत्र में कई नई खोजे की और लोग मेरे इसी योगदान की प्रसंशा करते हैं।          

'परिवार और दोस्तों के बिना कुछ नहीं' :-

यह पूछने पर कि क्या अपनी शारीरिक अक्षमताओं की वजह से वह दुनिया के सबसे बेहतरीन वैज्ञानिक बन पाए, हॉकिंग कहते हैं, ''मैं यह स्वीकार करता हूँ मैं अपनी बीमारी के कारण ही सबसे उम्दा वैज्ञानिक बन पाया, मेरी अक्षमताओं की वजह से ही मुझे ब्रह्माण्ड पर किए गए मेरे शोध के बारे में सोचने का समय मिला. भौतिकी पर किए गए मेरे अध्ययन ने यह साबित कर दिखाया कि दुनिया में कोई भी विकलांग नहीं है''

हॉकिंग को अपनी कौन सी उपलब्धि पर सबसे ज्यादा गर्व है? हॉकिंग जवाब देते हैं '' मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि मैंने ब्रह्माण्ड को समझने में अपनी भूमिका निभाई. इसके रहस्य लोगों के लिए खोले और इस पर किए गए शोध में अपना योगदान दे पाया, मुझे गर्व होता है जब लोगों की भीड़ मेरे काम को जानना चाहती है''

हॉकिंग के मुताबिक यह सब उनके परिवार और दोस्तों की मदद के बिना संभव नहीं था

इच्छामृत्यु की वकालत :-

यह पूछने पर कि क्या वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं ?

हॉकिंग कहते हैं, ''लगभग सभी मांसपेशियों से मेरा नियंत्रण खो चुका है और अब मैं अपने गाल की मांसपेशी के जरिए, अपने चश्मे पर लगे सेंसर को कम्प्यूटर से जोड़कर ही बातचीत करता हूँ.'' मरने के अधिकार जैसे विवादास्पद मुद्दे पर हॉकिंग बीबीसी से कहते हैं, ''मुझे लगता है कि कोई भी व्यक्ति जो किसी लाइलाज बीमारी से पीड़ित है और बहुत ज्यादा दर्द में है उसे अपने जीवन को खत्म करने का अधिकार होना चाहिए और उसकी मदद करने वाले व्यक्ति को किसी भी तरह की मुकदमेबाजी से मुक्त होना चाहिए.'' स्टीफन हॉकिंग आज भी नियमित रूप से पढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय जाते हैं, और उनका दिमाग आज भी ठीक ढंग से काम करता है

अमरीका का सबसे उच्च नागरिक सम्मान उन्हें दिया गया है

निधन :-

एक परिवार के प्रवक्ता के मुताबिक, 14 मार्च 2018 की सुबह अपने घर कैंब्रिज में 'हॉकिंग की मृत्यु हो गई थी। उनके परिवार ने उनके दुःख व्यक्त करने वाले एक बयान जारी किया था।

हॉकिंग के पुत्र लकी, रॉबर्ट और टिम ने कहा कि हमें अत्यंत दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि हमारे प्यारे पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे। वह एक महान वैज्ञानिक तो थे ही एक महान इंसान भी थे जिसने विज्ञान की दुनिया में इतना काम किया है जिसे दुनिया सदियों तक याद रखेगी। उनकी हिम्मत और खोज से पूरी दुनिया प्रभावित रही है।  

अपनी सफलता का राज बताते हुए  मशहूर वैज्ञानिक हॉकिंग ने कहा था कि उनकी बीमारी ने उन्हें वैज्ञानिक बनाने में सबसे बड़ी भूमिका अदा की है। बीमारी से पहले वह अपनी पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान नहीं देते थे लेकिन बीमारी के दौरान उन्हें लगने लगा कि वे लंबे समय तक जिंदा नहीं रहेंगे तो उन्होंने अपना सारा ध्यान रिसर्च पर लगा दिया।

वह मौत से नहीं डरते थे उन्होंने एक बार कहा था कि वह पिछले 49 सालों से मैं मरने का इंतजार कर रहा हूं।  लेकिन मैं यह भी कहना चाहता हूं कि मुझे मरने की कोई जल्दी नहीं है। मेरा जन्म बहुत सारे काम करने के लिए हुआ है और जब तक मैं सारे काम नहीं कर लूंगा मैं इस दुनिया को छोड़ कर नहीं जाउंगा।  

वह हमेशा लेक्चर के दौरान कहा करते थे इंसान को हमेशा सितारों की तरफ देखना चाहिए न कि अपने पैरों की ओर। सितारे आपको आगे बढ़ने की शक्ति देते हैं। वहीं वह यह भी कहा करते थे कि जिंदगी में कोई भी काम छोटा नहीं होता है बल्कि काम ही आपको जीने का मकसद देता है। अगर किसी आदमी की जिंदगी में काम नहीं होता है तो उसकी जिंदगी में जीने का कोई मकसद नहीं होता है।  

एक बार तो उन्होंने प्यार पर भी कहा था कि  आप खुशकिस्मत हैं अगर आपकी जिंदगी में आपको कोई प्यार करने वाला है। और हमेशा उस प्यार का आदर करें और उसे अपनी जिंदगी से बाहर न जाने दें।

 "विश्व प्रसिद्ध महान वैज्ञानिक और बेस्टसेलर रही किताब 'अ ब्रीफ़ हिस्ट्री ऑफ टाइम' के लेखक स्टीफन हॉकिंग ने शारीरिक अक्षमताओं को पीछे छोड़ते हु्ए यह साबित किया कि अगर इच्छा शक्ति हो तो व्यक्ति कुछ भी कर सकता है"

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